
कंपनियों में सरकार हिस्सेदारी क्या होते है? Why does the government privatize companies?
नमस्कार दोस्तों मेरा नाम है ओंकार और मेरी वेबसाइट OKTECHGALAXY पर आपका स्वागत है। आपने कुछ दिन पहले भारत के बजट के बारे में काफी जानकारी सुनी होगी या फिर पढ़ी होगी। तो उसमें बजट के बारे में कई सारी बातें समझ में आ गई होगी। पर आज हमें इस पोस्ट द्वारा भारतीय बजट के बारे में ज्यादा जानकारी लेनी नहीं है। Privatization ke Faayde Nuksan
कई सारे लोगों का यह कहना होता है कि सरकार, गवर्नमेंट कंपनीज और बैंक के साथ-साथ कई सारे सोर्सेस बेच रही है। तो इसका सीधा यही मतलब निकालते हैं कि पूरा देश बेचा जा रहा है या फिर बेचने की कोशिश की जा रही है। तो दोस्तों इस सवाल को आज हम सही तरीके से समझेंगे कि यह क्या मामला होता है या फिर ऐसा सरकार क्यों करती है।
वैसे तो दोस्तों मेरी वेबसाइट एक टेक्नोलॉजी से संबंध रखने वाली वेबसाइट है। पर लोगों को सही जानकारी से रूबरू करना एक ब्लॉगर का काम होता है और मैं सोशल इश्यू पर भी अब पोस्ट अपलोड करने लगा हूं क्योंकि समाज में जितना उपयोगी हो सके वह कांटेक्ट अपलोड करना भी जरूरी है।
आज के इस पोस्ट में हम इसी विषय के बारे में जानेंगे कि जब भी सरकार कोई एक कंपनी का निजीकरण करती है तो क्या इसे देश बेचना कहा जाता है या फिर कई और भी मुद्दे इसमें ऐड होते हैं? इस टाइटल के साथ-साथ आपको और कौन सी जानकारी इस पोस्ट द्वारा मिलेगी उन सभी मुद्दों को मैं पहले बता देता हूं और हर एक मुद्दे पर हम अलग से चर्चा करेंगे।
इस पोस्ट से आप नया, इंटरेस्टिंग और यूजफुल जानोगे की कंपनियों में सरकार हिस्सेदारी क्या होते है? सरकार कंपनीया निजीकरण क्यों करती है? निजीकरण के अलावा जीडीपी कैसे बढ़ा सकते है? Why does the government privatize companies?

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सरकार के लिए पैसे कमाने के रास्ते
दोस्तों अगर किसी भी देश की सरकार हो या गवर्नमेंट कहो तो वह कई तरह से पैसे कमाते हैं। हर एक देश के अलग-अलग बिजनेस स्ट्रेटजी होती है। अलग-अलग रूल होते हैं साथ में कई तरह के समझौते होते हैं। वह पैसे कमाने के लिए कुछ ऐसे तरीके भी अपनाते है जो सामान्य व्यक्ति को पता नहीं होते हैं।
पर आज का पूरा आर्टिकल एक काफी बड़ी रिसर्च करके आप तक पहुंचाई है। जिसमें मैं उन हर एक पॉइंट पर बात करूंगा जहां से आपको पता चले कि सरकार को पैसे कमाने के कौन से रास्ते होते हैं सरकारी कंपनियां बेचने के क्या कारण होते हैं?
मुझे पर्सनली ऐसा लगता है कि यह पोस्ट पढ़कर आपके नॉलेज में काफी बढ़ोतरी होगी। तो यह पोस्ट पढ़कर आपको कुछ अलग जानकारी मिले तो कमेंट करके हमारा हौसला जरूर बढ़ाएं।
गुड्स के टैक्सेस
दोस्तों भारत देश हो या फिर अन्य कोई देश उनका ज्यादातर कमाई का जरिया टैक्सी होता है। पर यह अलग-अलग देशों में अलग-अलग तरह से पाया जाता है। जो देश काफि डिवेलप है और किसी देश में अगर करोड़ों रुपए कमाने वाले बिजनेस लोगों की संख्या ज्यादा हो तो वहा की गवर्नमेंट ज्यादा पैसे कमाती है ।
इसका सीधा सीधा मतलब यह है कि कोई गरीब देश हो तो वहां पर कुछ छोटे-छोटे व्यवसाय बिजनेस शामिल होंगे, पर वही पर अगर एक डिवेलप देश हो तो वहां पर काफी बड़े-बड़े बिजनेस देखने को मिलते हैं। जहां से सरकार काफी सारा पैसा टैक्स के जरिए कमाती है।
अगर कोई गरीब देश भी हो और वह अपने देश को संभालने के लिए पैसों की मांग को पूरा नहीं करता है तो वो देश टैक्स बढ़ा भी सकता है और कई देश ऐसा ही करते हैं। इससे वहां की जनता और गरीब हो जाती है। पर उस सरकार को अपना देश चलाना होता है इसलिए टैक्सेस बढ़ाना भी जरूरी होता है।
अगर किसी देश की सरकार कुछ महीनों के लिए किसी चीज पर टैक्स बढ़ाती है तो वह अगले कुछ महीनों तक अपना देश काफी हद तक अच्छा चला सकती है। इसलिए टैक्स बढ़ने पर काफी सारे लोग सरकार को गलत दोष दे देते हैं पर यह सही नहीं होता है। पर यहां पर बात सही ना हो तो भी इसका असर साधारण व्यक्तियों पर ही ज्यादा पड़ता है।
अपने देश की सामग्री बेच कर
दोस्तों यह पॉइंट सिर्फ देश के कुछ महत्वपूर्ण चीजें बेचकर पैसे कमाने के उद्देश्य से यहां पर ऐड किया है। सरकारी कंपनी क्यों बेचे जाते हैं उस पर भी नीचे इंफॉर्मेशन दी है। पर फिलहाल हम इस विषय पर बात करेंगे जैसे कि अगर इसी देश में एक खास चीज का ज्यादा उत्पादन होता है तो वह देश वो चीज को काफी अच्छे खासे दाम पर दूसरे देश को बेच कर पैसे कमाता है।
यहां पर उस चीज को बनाने वाले को उतना अच्छा खासा इनकम नहीं होता है पर किसी चीज को बनाने वाले व्यक्ति को उस वस्तु की कीमत मिलने के बाद बाद सरकार किसी चीज या सामग्री को अलग-अलग इंपोर्ट एक्सपोर्ट चार्ज लगाकर प्रोडक्ट बेचनी है।
टेक्नोलॉजी अन्य देशों के साथ साझा करके
दोस्तों आज जिस देश के पास काफी अच्छी टेक्नोलॉजी है वह देश ही सुपर पावर बनने के काबिल है या फिर सबसे महान और नंबर वन देश माना जाता है। तो कई सारे देश अपनी टेक्नोलॉजी दूसरे देश के साथ साझा भी करते हैं साथ में दो देश मिलकर भी एक टेक्नोलॉजी पर काम करते हैं, ऐसे में किसी देश के पास काफी एडवांस टेक्नोलॉजी हो तो वह देश अन्य देश के साथ कुछ समझौते करता है।
उन समझौतों में कोई देश किसी अन्य देश की टेक्नोलॉजी का एक छोटा सा हिस्सा इस्तेमाल कर सकता है। जैसे की टेक्नोलॉजी में ज्यादातर सैटेलाइट का इस्तेमाल और देश की सुरक्षा संबंधी चीजें होती है। अगर किसी देश का सेटेलाइट दूसरा देश इस्तेमाल करना चाहे तो वह उस देश के परमिशन के अनुसार कर सकता है।
पर इसके लिए दोनों देशों की परमिशन जरूरी है अगर कोई देश किसी देश की सैटेलाइट को इस्तेमाल करना चाहे और वह परमिशन के बाद कोई भी देश दूसरे देश की सैटेलाइट का छोटा सा हिस्सा यूज करता है। उस देश के गवर्नमेंट को पैसे देने पड़ते हैं। तब जाकर कोई देश किसी अन्य देश की सेटेलाइट इस्तेमाल कर सकता है।
स्पेस प्रोग्राम करके
दोस्तों पिछले कुछ साल भर में कई सारे स्पेस रिसर्च प्रोग्राम स्पेस मिशन अंतरिक्ष में भेजे गए। जिसमें भारत का भी काफी अच्छा परफॉर्मेंस रहा है। इंडिया ने PSLV-C37 द्वारा एक अकेले मिशन में 104 सैटेलाइट को अंतरिक्ष में भेजा था। वो कुछ इस तरह से था कि अन्य देशों के साथ कई सैरलिट उसमें मौजूद थे और इस मिशन द्वारा भारत ने काफी सारे पैसे कमाए और इसी तरह से कई देश पैसे कमाते हैं।
इसमें अब स्पेस एक्स भी शामिल होगा। पर मेरा कहने का मतलब यही है कि ऐसे महत्वपूर्ण काम करके भी सरकार पैसा कमा सकती है। तो उन्हें कंपनियां बेचने की जरूरत ही क्या है? इसके कई मुख्य कारण होते हैं जो हम आगे विस्तार से जानेंगे।
सरकार तीन तरह से पैसा जुटाने की कोशिश करती है। विनिवेश, निजीकरण और सरकारी संपत्तियों की बिक्री।
कंपनियों में सरकार हिस्सेदारी क्या होते है?
विनिवेश
सार्वजनिक उपक्रमों (PSU) में सरकार की हिस्सेदारी बेचने की प्रक्रिया विनिवेश या डिसइन्वेस्टमेंट कहलाती है। कई कंपनियों में सरकार की काफी हिस्सेदारी है। आम तौर पर इन कंपनियों को सावर्जनिक उपक्रम या पीएसयू कहते हैं।
किसी PSU में विनिवेश या तो किसी निजी कंपनी के हाथ शेयर बेचकर किया जा सकता है या फिर उनके शेयर आम लोगों को खरीदने के लिए जारी किए जा सकते हैं। कई बार लोग विनिवेश का मतलब किसी सरकारी कंपनी का निजीकरण समझ लेते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है।
किसी भी सरकारी कंपनी सरकार का अधिक से अधिक शेयर हो तो वह उसमें से कुछ हिस्सा लोगों को खरीदने के लिए आमंत्रित करती है और एक छोटा सा हिस्सा जब बेचा जाता है तब उसे भी विनिवेश कहा जाता है।
निजीकरण
दोस्तो निजीकरण व्यवसाय, उद्योग, एजेंसी या सार्वजनिक सेवा के मालिकाना हक के सार्वजनिक क्षेत्र से राज्य या सरकार से निजी क्षेत्र में निजी लाभ के लिए संचालित व्यवसाय को या निजी गैर-लाभ संगठनों के पास स्थानांतरित होने की घटना या प्रक्रिया होती है जिसे निजी करण कहा जाता है। विनिवेश शेयर बेचकर मालिकाना हक घटाने की प्रक्रिया है।
इससे सरकार को दूसरी योजनाओं पर खर्च करने के लिए पैसे मिल जाता है। कई बार लोग निवेश को निजीकरण समझ लेते हैं। पर ऐसा नहीं है आमतौर पर सरकार किसी सरकारी पीएसयू में 51 फीसदी हिस्सेदारी बनाए रखना चाहती है। पर अब इस नीति में भी बदलाव होता दिख रहा है। वैसे भी दोस्तो आज निजीकरण एक फैशन सा बन गया है हर एक चीज में निजीकरण लाया जा रहा है।
सरकार कंपनीया निजीकरण क्यों करती है?
दोस्तो आप ने 2021 का बजट तो देख लिया होगा और वहीं से आपको लग रहा होगा कि सरकार ज्यादातर कंपनियों का निजीकरण कर रही है यानी कि उन्हें बेच रही है। पर दोस्तों मैं आपको बता दूं कि सरकार जो है वह अपने पूरी के पूरी हिस्सेदारी या कंपनी बेचकर उसे निजी क्षेत्र में नहीं लाती है। वह कुछ ऐसे हिस्से बेच बेचती है जिससे सरकार को ना ही फायदा हो और ना ही नुकसान हो रहा हो।
अगर किसी कंपनी द्वारा सरकार को फायदा ना हो तो उसे बेचने का ही सोचेगी और ऐसा ही आज हो रहा है क्योंकि कंपनी की हिस्सेदारी ऐसे ही पड़े रहने से फायदे नुकसान होने से अच्छा यही है कि निजीकरण करके उसके द्वारा सरकार अपने शेयर कमाए और कंपनी भी शुरू रहे और यही आज का बेस्ट रिजल्ट है कि सरकार कंपनियों के निजीकरण कर रही है।
सरकारी संपत्तियों की बिक्री
दोस्तों जब भी किसी कंपनी को या सरकारी संपत्ति को बेचा जाता है तो बेचने से पहले उसे पूर्ण रूप से बेचा जा रहा है या उस कंपनी या सामग्री की एक छोटी सी शेयर बेची जा रही है वह ध्यान में रखा जाता है।
ऐसे में सरकार कुल मिलाकर अट्ठाविस भारतीय कंपनी और संपत्तियों को बेचने का ऐलान बीते बजट में कर चुकी है। उसमें काफी बड़ी बड़ी कंपनियां भी शामिल है। जिनमें सरकार की हिस्सेदारी है।
- 1- स्कूटर्स इंडिया लि.,
- 2- ब्रिज ऐंड रूफ कंपनी इंडिया लि,
- 3- हिंदुस्तान न्यूज प्रिंट लि.,
- 4- भारत पंप्स ऐंड कम्प्रेसर्स लि,
- 5- सीमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लि.,
- 6- सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लि,
- 7- भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड,
- 8- फेरो स्क्रैप निगम
- 9- पवन हंस लिमिटेड,
- 10- एअर इंडिया और उसकी पांच सहायक कंपनियां और एक संयुक्त उद्यम,
- 11- एचएलएल लाइफकेयर,
- 12- हिंदुस्तान एंटीबायोटिक्स लि.,
- 13- शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया,
- 14- बंगाल केमिकल्स एंड फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड.
- 15- नीलांचल इस्पात निगम लिमिडेट में विनिवेश की सैद्धांतिक मंजूरी बीते आठ जनवरी को दी गई.
- 16- हिंदुस्तान प्रीफैबलिमिटेड (HPL),
- 17 – इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट्स इंडिया लिमिटेड,
- 18- भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन
- 19- कंटेनर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (CONCOR)
- 20- एनएमडीसी का नागरनकर स्टील प्लांट,
- 21- सेल का दुर्गापुर अलॉय स्टील प्लांट, सलेम स्टील प्लांट और भद्रावती यूनिट.
- 22- टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड (THDCIL)
- 23- इंडियन मेडिसीन ऐंड फार्मास्यूटिकल्स कॉरपोरेशन लिमिटेड (IMPCL),
- 24- कर्नाटक एंटीबायोटिक्स,
- 25-इंडियन टूरिज्म डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (ITDC) की कई ईकाइयां
- 26- नॉर्थ ईस्टर्न इलेक्ट्रिक पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (NEEPCO)
- 27- प्रोजेक्ट ऐंड डेवलपमेंट इंडिया लि.
- 28- कामरजार पोर्ट
सरकार द्वारा कंपनी शेयर बेचने का मुख्य कारण
दोस्तों सरकार द्वारा जो भी कंपनियां बेची जा रही है उसके द्वारा सरकार पैसा इकट्ठा करना चाहती है। दरअसल कोरोना और गिरती हुई इकोनामी को ध्यान में रखते हुए यह फैसले लिए गए हैं। अगर देश को पहले के स्तर पर लाना है तो यह काम किसी भी सरकार को करना ही पड़ता है। वरना दूसरी तरह से यानी की टैक्स बढ़ाकर।
वरना देश काफी बुरी हालत में पहुंच जाता क्योंकि एक तरफ सरकार को इकोनामी को भी ऊंचे स्तर पर ले जाना होता है और जनता का भी ख्याल रखना होता है और इन दोनों के बीच में तालमेल बनाने के लिए ऐसा कदम उठाया जाता है।
हालांकि निजीकरण करने से आम जनता को काफी तकलीफ होती है जैसे कि उन चीजों के गुड्स के दाम बढ़ना या दाम बढ़ने पर आम जनता किसी कंपनी के खिलाफ ज्यादा बोल नहीं सकती है। अगर वही कंपनी सरकार के निर्देश के अंदर काम करती हो तो लोग सरकार पर आवाज उठा सकते हैं।
पर एक बार किसी सरकारी कंपनी का निजीकरण हो गया तो आम जनता को उस कंपनी के खिलाफ ज्यादा बोलने का मौका नहीं मिलता है। अगर कोई आम व्यक्ति उस कंपनी के खिलाफ केस भी करता है तो वह कई दिनों तक चलती है।
कंपनीया निजीकरण के अलावा जीडीपी कैसे बढ़ा सकते है?
दोस्तों यह पूरी तरह से मेरी राय है और अगर इसमें कुछ कमिया हो जाती है तो कमेंट करके बताना ना भूले। फिर भी मैंने यह पोस्ट काफी मुद्दों को ध्यान में रखते हुए और रिसर्च करके बनाई है।
आम जनता को व्यवसाय के अवसर दे देना
दोस्तों अगर इकोनामी को मजबूत बनाना है तो इसके लिए आम जनता को इनकम का सोर्स मुहैया कराना जरूरी है। अगर आम जनता के पास इनकम का कोई सोर्स ही न हो तो साधारण जनता पैसे कमाएगी भी नहीं और सरकार ने कंपनी का निजीकरण किया है वह कंपनीया भी नहीं चलेगी।
इसका कारण यह है कि उस कंपनी का प्रोडक्ट या सेवाएं वही लोग लेंगे जिसके पास पर्याप्त पैसे हो जैसे कि अमीर लोग या फिर बिजनेसमैन लोग ही उस सेवाओं का अनुभव दे पाएंगे और इसीलिए मेरा कहना यही है कि सरकार को पैसे कमाने के लिए आम लोगों को व्यवसाय का एक मौका देना जरूरी है इससे सरकार टैक्स से पैसा कमाएगी। साथ-साथ अपने देश को और डेवलपमेंट को आगे ले जाएगी
चीजों के दाम कम हो तो सबसे बेहतर
दोस्तों अगर चीजों के दाम पहले से काफी बढ़कर हो तो साधारण व्यक्ति ना ही अपना व्यवसाय शुरू कर पाएगा और ना ही उससे कमा पाएगा। इसलिए चीजों के दाम पर्याप्त मात्रा में कम होना जरूरी है। पर आज सभी कंपनियां अपने अपने रेस में लगी हुई है कि कौन कितना कमा रहा है।
यहां पर आम जनता के लिए सिर्फ बचा हुआ छोड़ा जाता है या फिर उन्हे कोई मदद काफी देर बाद मिलती है। जो मदद आम जनता को नुकसान होने के बाद मिल रही है वहीं मदद या उससे आधी मदद भी पहले मिल जाए तो आम जनता को जीने का और देश को कमाने का भी मौका मिल जाएगा।
अब यहां पर आपने किसानों की या इंसानों की बातें तो सुनी होगी। कि नुकसान होने के बाद सरकार ने इतने करोड़ का पैकेज मदद की तौर पर जाहिर किया, तो वही पैकेज आधे कैपेसिटी के साथ पहले से दिया जाए तो? नुकसान होने से पहले ही रोका जाएगा।
एजुकेशन और डेवलपमेंट पर हो खर्चा
दोस्तों हमारे देश में एजुकेशन की बात करें तो, प्राइवेट स्कूलों को ज्यादा अहमियत दी जाती है और सरकारी स्कूलों को कम। इसका यह कारण है कि प्राइवेट स्कूल में स्कीम ज्यादा होती है और इसी वजह से प्राइवेट स्कूल कमाते भी उतना ही है और स्टूडेंट के लिए काफी अच्छी सामग्री या टेक्नोलॉजी प्रोवाइड करती है।
वहीं पर अगर देखा जाए सरकारी स्कूल, तो जब तक सरकार से कोई पैकेज स्कूल को नहीं मिलता है या कोई सूचना नहीं मिलती है तब तक सरकारी स्कूल कोई भी एक्शन नहीं लेते हैं। पर सरकार को सरकारी स्कूल के लिए भी अच्छी खासी सुविधा देना जरूरी है। गरीब से गरीब लोगों के बच्चे भी पढ़ सकते हैं और अपना पैसा बचा सकते हैं।
उस पैसों द्वारा वह गरीब परिवार अपने अन्य काम जो सबसे महत्वपूर्ण है वह कर सकते हैं। डेवलपमेंट की अगर बात करें तो, डेवलपमेंट यानी कि किसी भी चीज का विकास करना। तो सरकार कुछ चीजे 5 साल या 10 साल टिक जाए उसके हिसाब से बना रही है।
उसी में अगर थोड़ा एक्स्ट्रा खर्च करके उसे मजबूती दे दे या एडवांस बनाए तो इससे भी देश का कई सारा पैसा बच जाएगा और जो चीज बाद में टूटने वाली है या फिर गिरने वाली हो, उसी चीज के लिए शुरुआती कंस्ट्रक्शन में ही अच्छी खासी बढ़ोतरी की जाए तो भी, सरकार और देश को फायदा होगा।
अंतरिक्ष मिशन सफल करके
दोस्तों आपको पता ही होगा कि सैटेलाइट मिशन अंतरिक्ष में क्यों भेजे जाते हैं इसके कई सारे कारण होते हैं जो कि हमने पिछले पोस्ट में काफी विस्तार से देखे हैं आप वह पोस्ट भी पढ़ सकते हो तो अगर सरकार मंत्री मिशन को जल्द से ज्यादा बढ़ावा देती है तो इस से पैसे कमाने में आसानी हो जाएगी ।
हालांकि अंतरिक्ष मिशन हर रोज भेजें जाना मुश्किल है पर यह काम करके भी सरकार पैसे कमा सकती है साथ में अगर अंतरिक्ष मिशन के लिए जो भी पेपर रॉकेट या पोस्टर बनाए जाते हैं । उनमें अलग टेक्नोलॉजी इस्तेमाल करके या कम खर्च सेवर टेक्नोलॉजी उपलब्ध करके भी सरकार काफी अच्छे पैसे बचा सकती है ।
क्योंकि अगर इंडिया के पास कम पैसों में ज्यादा से ज्यादा रॉकेट लॉन्च करने की याद फिर सेटेलाइट प्रक्षेपित करने की चलता है तो भारत को इसी राह पर चलना जरूरी है हालांकि ज्यादातर लाइट लॉन्च करना भी आसान काम नहीं है और यह काम सही भी नहीं है ।
पर हमें सेटेलाइट लांच करने से ज्यादा दूसरे ग्रहों की रिसर्च करना और ज्यादा दूरी तक स्पेसशिप भेजते रहना जैसे काम भी करने जरूरी है हम चांद पर रॉकेट उतारने में तो सक्षम नहीं रहते हैं पर उतार कर भी क्या करेंगे काफी सारे रिश्ते चांद और मंगल पर ही चल रहे हैं तो कुछ ऐसा किया जाए ।
जो दूसरे देशों ने अभी तक नहीं किया है इसके आगे का आर्टिकल आपको दूसरे पोस्ट में मिल जाएगा क्योंकि यहां से शुरू होता है दूसरा एक मुद्दा क्योंकि यहां से शुरू होती है दूसरी एक पोस्ट
दोस्तो इस पोस्ट में हमने जाना कि “ कंपनियों में सरकार हिस्सेदारी क्या होते है? सरकार कंपनीया निजीकरण क्यों करती है? निजीकरण के अलावा जीडीपी कैसे बढ़ सकते है? “
तो दोस्तों यह आर्टिकल कैसा लगा COMMENT जरूर करें । अगर इस आर्टिकल से जुड़ा आपका कोई सवाल है तो कृपया कमेंट बॉक्स में जरूर पूछें । ताकि आपके साथ और भी लोगों की परेशानी दूर हो । अगर आर्टिकल अच्छा लगे तो इसे अपनों में और आपके पसंदीदा सोशल मीडिया वेबसाइट पर SHARE जरूर करें । अन्य सोशल मीडिया साइट पर हमारे नोटिफिकेशन पाने के लिए कृपया हमें आपके पसंदीदा सोशल मीडिया साइट पर फॉलो भी करें ।
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मैं पैसा हूँ, मैं बोलता नही मगर सबकी बोलती बंद कर सकता हूँ। OKTECHGALAXY.COM / Motivation

दोस्तो मेरा नाम ओंकार है और यह बात आपको हर पोस्ट मे बताई है. मे एक ब्लॉगर के साथ Photo, Video editor, Youtuber, Motivator, SEO Expert हू. और डोमेन और होस्टिंग भी लो प्राइस में देता हु. आर्ट में ग्रेजुएशन की पढ़ाई भी कर रहा हु. मेरे वेबसाइट पर ब्लॉग शेयर करने का एक अलग तरीका यह है की में एकसाथ 20 से 25 पोस्ट पब्लिश करता हु, जो काफी लोगो को पसंद भी है. अगर आपको भी वेबसाइट में दी गयी केटेगरी में से कोई विषय पर आर्टिकल पढ़ना पसंद है तो, हमेशा वेबसाइट विजिट करे और निचे दिए गए सोशल मीडिया से हमसे जुड़े रहे, ताकि आप कोई पोस्ट कभी मिस न करे.