पृथ्वी तबाह होने के 5 कारण? PART 1

नमस्कार दोस्तों मेरा नाम है ओंकार और मेरी वेबसाइट OKTECHGALAXY पर आपका फिर से एक बार स्वागत है। दोस्तों आज हम जिस पृथ्वी पर रहते है जिसे अर्थ कहा जाता है। यह कई सारे पेचीदा रचनाओं से बना हुआ है। ऐसे में आपको कई सारी ऐसी चीज है इस पृथ्वी पर मिलेंगी। जो कि पृथ्वी बनने की और तबाह होने के लिए कई सारे कार्य कर देते है। अगर आप भी यह सोच रहे होंगे कि पृथ्वी को किन चीजों से खतरा होगा या हो सकता है। तो मैं आपको बता दूं कि पृथ्वी कई दिनों से ऐसे मुश्किलों में बढ़ती जा रही है।

जो कि आप सोच भी नहीं सकते। तो कुछ लोग यह भी कहते है कि अंदरूनी ताकतों से ज्यादा इस पृथ्वी पर बाहरी ताकत का नजारा असर देखने को मिल रहा है। अब यह इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि एक के बाद एक संकट इस हमारी पृथ्वी पर आ रहे है। ऐसे में मैं भी यह सोचने के लिए तैयार हो गया कि क्या ऐसा हो सकता है कि किसी दूसरी दुनिया या अंतरिक्श से पृथ्वी को टारगेट किया जा रहा है।

या इसमें बदलाव किए जा रहे है। तो यह सोचना भी कोई गलत बात नहीं होगी की इस पृथ्वी की ऐसी दशा करने के लिए दूसरे ग्रह के लोग शामिल है या एलियन शामिल होंगे। पर फिलहाल हमें यह नहीं देखना है कि दूसरी दुनिया से इस पृथ्वी को क्या नुकसान है। हमें इस पोस्ट से यह देखना है कि पृथ्वी के लोगो द्वारा किए गए एक्सपेरिमेंट और काम से इस पृथ्वी को कितना नुकसान होता है या होने वाला है। और दूसरी दुनियाओ से पृथ्वी को किस तरह से नुकसान होगा यह ने आपको आने वाले किसी आर्टिकल में बता दूंगा। तब तक के लिए यही पोस्ट समझने की कोशिश करे।


पृथ्वी तबाह होने के 10 कारण

तो दोस्तों इस पोस्ट में हम पृथ्वी पर लोगों के वजह से क्या तबाही आएगी इस पर बात करेंगे और आने वाले समय में अंतरिक्ष से पृथ्वी को कितने नुकसान है। यह जानेंगे इस पोस्ट में थोड़े-थोड़े का तबाही के साथ भारी भरकम तबाई कैसे होगी इसके बारे में जानकारी दूंगा। हर एक पॉइंट पर अलग-अलग तरह से जानकारी देने की कोशिश करूंगा। अगर पोस्ट पसंद आए तो पोस्ट को लाइक शेयर जरूर करें।


1 ] प्लास्टिक का बढ़ता इस्तेमाल

दोस्तों आज आप देख रहे हो नदी नालों से अपने परिसर में पड़ा हुआ कचरा कितना बढ़ता जा रहा है। और यह कचरा पूरी तरह से विघटन होने के लिए यानी कि समाप्त होने के लिए कई सालों का समय लगता है। और एक उदाहरण के तौर पर देखे थे कुछ ही दिन पहले मैंने एक ऐसी कंपनी का प्रोडक्ट देखा था, जिसे कंपनी बंद हुए 50 से ज्यादा साल हो चुके थे और वह प्लास्टिक कम से कम 70 से 80 साल पुराना होगा। तो यह प्लास्टिक वेस्ट वैसे ही जमीन पर पड़ा रहता है। पानी पर तैरता रहता है।


और मिट्टी और पानी दोनों को खराब करता रहता है। इससे अगर आप सोच रहे हो कि इतना क्या नुकसान होगा। तो मैं आपको बता दूं वैसे तो पृथ्वी पर पीने लायक पानी सिर्फ तीन पर्सेंट है और यह पानी भी नदी और कुवे या बोरवेल का ही गिना जाता है। इसमें से अगर नदी का पानी खराब हो गया तो सिर्फ एक पर्सेंट ही पानी पीने लायक समझा जाएगा और यह पानी खराब हो गया तो पानी की समस्या भी काफी बड़ी समस्या में से एक होगी। साथ में मिट्टी में ऐसे प्लास्टिक पड़े रहने से वैसे तो नुकसान नहीं होता है। पर उस मिट्टी का दर्जा कम हो जाता है। और वह मिट्टी ज्यादा धान बनाने के लायक नहीं रहती है। जिससे खाने और पानी दोनों की समस्या पर काफी असर पड़ता है।


अगर बात की जाए ऐसा प्लास्टिक वेस्ट पृथ्वी के बाहर ले जाकर फेंका जाए तो अंतरिक्ष में भी इसका असर काफी भयानक होगा और यही कचरा अगर समंदर में फेंका जाए तो इससे समंदर का सी लेवल या पानी का स्तर भी बढ़ने के चांसेस बहुत होते है। तो यह दो ऑप्शन भी हम इंसान के पास नहीं बचते है। इसलिए हमें प्लास्टिक वेस्ट पर भी ज्यादा ध्यान देना होगा। अब यह किस तरह से दिया जाता है। इस पर एक अलग सा आर्टिकल भी मैं आपको दूंगा।


प्लास्टिक समस्या कैसे रोकी जा सकती है?


2 ] छोटे - बड़े कंट्रक्शन से पृथी के नुकसान

दोस्तों आज जब भी कोई इमारत, बिल्डिंग या प्लॉट बनाया जाता है। तो बहुत सारा खुदाई का काम होता है। जिसमें कोई हेक्टर मिट्टी को हटाया जाता है या फिर गड्ढे किए जाते है। अब यह गड्ढे पृथ्वी को नुकसान नहीं पहुंचाएंगे ऐसा आप सोच रहे हो तो यह पूरी तरह से गलत है। तो कंट्रक्शन चाहे छोटा हो या बड़ा हो इसका असर पृथ्वी पर जरूर होता है। जैसे कि जो जमीन अनाज बनाने के लायक है उसे कंट्रक्शन के लिए इस्तेमाल किया जाए तो अनाज की भारी कमी देखने को मिलेगी और जो जमीन अनाज के लायक नहीं है उसे अनाज बनाने के लायक बनाना जरूरी है।


कंट्रक्शन से लिए आज काफी बड़ी बड़ी बिल्डिंग बन रही है। पर कितने में लोग खुश नहीं है। उन्हें कई और बिल्डिंग रहने के लिए चाहिए। वीआईपी जिंदगी चाहिए तो इससे उस व्यक्ति की कोई भी तमन्ना पूरी नहीं होती है। अगर एक व्यक्ति को रहने के लिए एक पूरा प्लॉट मिल जाए फिर भी वह उसे कम ही सोचता है। यह बात काफी गलत है। अब आते है हमारे मेन मुद्दे पर।


दोस्तों बड़े कंट्रक्शन से हमें जो जमीन पानी को रोके रखती है या फिर उसे खराब जगह में जाने से रोकती है। वह जमीन ही इमारतों से भर जाए तो इससे पानी की समस्या भी बन सकती है। साथ में वह खुदाई की मिट्टी भी ऐसी जगह में डाली जाती है जहां पर उसकी जरूरत नहीं होती। जैसे कि खेती लायक उपजाऊ जमीन में, नदी नालों में ऐसी मिट्टी फेंकी जाती है। और इससे दूसरी जगह की मिट्टी भी खराब होती है। और पानी में गलत पदार्थ मिल जाते या वो मिट्टी पानी का रास्ता रोकती है ।


3 ] ब्लास्टिंग से पृथ्वी को नुकसान

दोस्तों जब भी इंसानों के लिए जरूरी चीजों की लिस्ट देखी जाती है। तो उसमें कई तरह के धातु का इस्तेमाल भी इंसानों के लिए जरूरी है। ऐसे में सोना चांदी जैसे मूल्यवान धातु पाने के लिए कई जगह पर खुदाई की जाती है। और ऐसे में उस खुदाई से जमीन में प्रदूषण होता है। साथ में पानी और ध्वनि प्रदूषण भी होता है। और यही एक सबसे बड़ा कारण है कि अच्छी अच्छी जमीन अभी बड़ी कंट्रक्शन और ब्लास्टिंग से खराब हो जाती है। जिस जगह में हरे भरे पेड़ पौधे खेती होनी चाहिए वहां पर सारी जमीन ऐसे बंजर पड़ी होती है। जैसे नर्क का दरवाजा हो। जब भी आप ऐसी गहराई वाली जगह देखते हो तो आपको क्या मन में आता है। वहा पर किसी को नहीं होना चाहिए ।


अब यह तो हो गई एक छोटी सी बात पर इस बात को गंभीरता से लें तो ऐसी काम के लिए लाखों, करोड़ों रुपयों का ब्लास्टिंग का सामान लगता है। कई वाहन या गाड़ी लगती है। और उन गाड़ियों के लिए ईंधन भी लगता है। यानी कि इस काम को पूरी तरह से अंजाम देने के लिए पृथ्वी से इस्तेमाल होंगे। खनिज तेल, लोहा प्लास्टिक जैसी चीज । जिसे निकाला भी जाएगा पृथ्वी से खोदकर ।


तो यह तो फिजूल में बर्बादी ही है। एक तरफ लोग खाने के लिए जूझ रहे होते है और दूसरी तरफ करोड़ों रुपए खर्च करके ऐसी फालतू चीजें बनाई जाती है। जिनका कोई मतलब ही नहीं। आज देखा जाए हर एक के घर में दो चार गाड़ियां तो होती है और उन गाड़ियों की इतनी ज्यादा जरूरत भी नहीं होती। फिर भी गाड़ियों का शौक रखने वाले कई सारी गाड़ियां रखते है। यही होते है वीआईपी लोगों के शौक। खुद का पैसा है तो खुद किसी भी काम में इस्तेमाल करेंगे। पर यह सही नहीं है ।


4 ] घर-घर में बोरवेल तैयार करना 

दोस्तों हम खुशनसीब है कि हमें आज थोड़ा बहुत तो पानी मिल रहा है। पर अगर देखा जाए तो वह पानी भी काफी मशक्कत करने के बाद ही मिलता है। इसके लिए सरकार द्वारा पहले से कुछ बोरवेल भी तैयार करके पब्लिक को इस्तेमाल करने के लिए दिए जाते है। पर इतने में भी लोगों का पानी का समस्या दूर नहीं होती है। कई देशों में समंदर का खारा पानी पीने लायक बनाकर उसे यूज किया जाता है। यह काफी बड़ी समस्या है। फिर भी लोग आज घर-घर में बोरवेल बना रहे है। और इससे हर एक बोरवेल से पानी निकाला जा रहा है।


दोस्तों मैंने एक उदाहरण देखा था जहां पर एक संतरे के ऊपर कई सारे पिन को चुभाया जाता है। और एक के बाद एक पिन चुभाने के बाद एक समय ऐसा आता है। जब उस संतरे के ऊपर पिन लगाने के लिए जगह ही नहीं बचती है। और कुछ दिन बाद पिन की वजह से वह संतरा भी खराब हो जाता है। अब इस उदाहरण से आप समझ सकते हो कि घर घर में बोरवेल बनाना, खेतों में दो से चार बोर बनाना जैसे कामों की वजह से हम पृथ्वी से सारा पानी बाहर तो निकाल रहे है। पर उस पृथ्वी को इतनी बुरी तरह से डैमेज कर रहे है कि आप सोच भी नहीं सकते। कई सारे जगह पर जब बोरवेल मशीन से गड्ढा किया जाता है।


तो 1 गड्ढे से दूसरे गड्ढे तक आसानी से क्रैक आ जाएगी। पर इसके लिए कई गड्ढों को एक के पास एक होना चाहिए। पर अगर कोई बाहरी अंतरिक्ष का उल्का आकर किसी एक हिस्से में टकराया तो एक के बाद यह यह क्रैक एक दूसरे से मिल जाएंगे और काफी बड़ा नुकसान करेंगे। जब चट्टाने एक जगह पर काफी जगही से चिपकी हुई हो तब उन्हें तोड़ना आसान नहीं होता। पर वह चट्टाने पहले से कई जगह पर टूटी हुई है या गड्ढे किए हुए हो तो, एक ही झटके से वह चट्टान टूट सकती है। यही उदाहरण आप पूरे पृथ्वी के लिए ले या फिर पृथ्वी के किसी भी एक हिस्से के लिए ले कोई फर्क नहीं पड़ता।


5 ] बड़े पैमाने पर पेड़ काटना

दोस्तों पेड़ पौधे हमारे जिंदगी में काफी सारा महत्व देते है। इंसानों के लिए जरूरी चीज है। जो कि खाना, पानी हवा और निवारा जैसी चीजें हमें पेड़ों से मिलती है। पर पेड़ सिर्फ इसलिए काटे जाते है। कि थोड़ी सी जगह बने या फिर डेवलपमेंट करने के लिए। इसके अलावा अगर देखा जाए तो पेड़ काटने का सबसे बड़ा रीजन यह भी होता है कि बड़ी-बड़ी पेड़ जलाई जाते है। पर यह हो गई बीते कल की बात।


जब पेड़ों से लकड़ियां काटकर वहां से घर बनाए जाते थे या फिर पेड़ काटने की वजह घर बनाने के लिए जगह पाना भी अब नहीं रहा। क्योंकि एक ही बिल्डिंग को काफी बड़ा बनाकर ऊंचाई देखकर कई सारी जगह इंजीनियर बचा लेते है। फिर भी आज पेड़ काटने की जरूरत क्यों है? तो मैं आपको बता दूं कि यह पेड़ जो काटे जाते है वह वही वस्तु बनाने के लिए काटे जाते है। जो बाकी कामों के लिए इस्तेमाल होगी यानी कि कंट्रक्शन हो या फिर बड़े बड़े दरवाजे बनाने हो उसके लिए आज भी पेड़ों को काटा ही इस्तेमाल किया जाता है।


अगर बात करें बीते कल की तो बीते कल में यह देखने को मिलता था कि जो बड़े-बड़े पेड़ है वही ज्यादातर लगाए जाते थे जिसमें आम बबूल पीपल जैसे पेड़ कई सौ सालों से ज्यादा जी लेते है। पर आज जो पेड़ लगाए जाते है। वह पेड़ सरकार द्वारा लगाए जा रहे है। जो कि काफी कम लाइफ टाइम के लिए जीते है। जो 20 से 30 या 40 सालों तक ही उन पेड़ों की लाइफ होती है। उसके बाद वह पेड़ धीरे-धीरे खराब होने लगते है।


और इसी वजह से आज पेड़ों की संख्या काफी कम देखने को मिलती है। अगर देखा जाए गांव जैसे इलाकों में तो वहां पर आपको ज्यादा पेड़ नजर आते है। क्योंकि गांव में ज्यादा कंट्रक्शन नहीं होता है। पर शहरों में काफी कंट्रक्शन होने की वजह से पेड़ की कटाई काफी हो जाती है। जब भी पेड़ काटे जाते है। तो उस इलाके में ऑक्सीजन की मात्रा कम होने लगती है। साथ में उस जगह की धूप भी होती है। यानी कि वह जगह मिट्टी रोकने के लायक नहीं रहती। यह दो नुकसान पेड़ काटने की वजह से ज्यादा होते है।


दोस्तों इस पोस्ट में हमने जाना कि " पृथ्वी तबाह होने के 5 कारण कौनसे है? "


तो दोस्तों यह आर्टिकल कैसा लगा COMMENT जरूर करें । अगर इस आर्टिकल से जुड़ा आपका कोई सवाल है तो कृपया कमेंट बॉक्स में जरूर पूछे । ताकि आपके साथ और भी लोगों की परेशानी दूर हो । अगर आर्टिकल अच्छा लगे तो इसे अपनों में और आपके पसंदीदा सोशल मीडिया वेबसाइट पर SHARE जरूर करें । अन्य सोशल मीडिया साइट पर हमारे नोटिफिकेशन पाने के लिए कृपया हमें आपके पसंदीदा सोशल मीडिया साइट पर फॉलो भी करें । ताकि हमारा आने वाला कोई भी आर्टिकल आप मिस ना कर सको । हमें Facebook , Instagram , Linkedin ,  Twitter , Pinterest और Telegram पर फॉलो करें । साथ में हमारी आनेवाली पोस्ट के ईमेल द्वारा Instant Notification के लिए FeedBurner को SUBSCRIBE करें ।


जो व्यक्ति अपने कदमों की काबिलियत पर विश्वास रखता है, वही सफलता की ओर बढ़ता है। OKTECHGALAXY.COM/Motivation




एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ