फिल्मों में क्या फर्क होता है ? फर्क के अनुसार फिल्में किस तरह से पैसा कमाती है ?

नमस्कार दोस्तों मेरा नाम है ओंकार और मेरी वेबसाइट OKTECHGALAXY.COM पर आपका फिर से एक बार स्वागत है । दोस्तों पिछले पोस्ट में हमने टीवी चैनल किस तरह से कमाते हैं उसके बारे में काफी विस्तार से चर्चा और बातें की थी । जिसमें मुझे कुछ कमेंट प्राइवेट में ईमेल द्वारा आ चुके थे कि फिल्मों में किस तरह से डिफरेंस होता है । तो दोस्तों यहां पर मैं हर एक लैंग्वेज के फिल्मों के बारे में काफी विस्तार से बताऊंगा कि किस तरह से फिल्म बनाने की क्वालिटी बदलने से फिल्मों की कमाई में फर्क देखने को मिलते हैं और किस तरह से उनकी कमाई होती है । तो दोस्त मुझे यह महत्वपूर्ण कमेंट करने के लिए आपका में धन्यवाद करता हूं और इस पोस्ट को शुरू करता हूं । दोस्तों इस पोस्ट में आपको जानने को मिलेगा की ।

Budget ke anusar Filmon ki kamaayi ?

फिल्मों में क्या फर्क होता है ?
◆◆ मराठी और हिंदी फिल्मों में अंतर
◆◆◆ हिंदी और अंग्रेजी फिल्मों में अंतर
◆◆◆◆ फर्क के अनुसार फिल्में किस तरह से पैसा कमाती है ?



1 ] फिल्मों में क्या फर्क होता है ?

दोस्तो आपने कई सारी फिल्में टेलीविजन , थिएटर या फिर मोबाइल पर देखती होंगी । पर आपको ऐसी कई सारी फिल्में देखने को मिल जाएगी जिसमें भाषा के अनुसार या फिर स्टोरी के अनुसार फर्क देखने को मिलते हैं । इसमें आप देखते हो कि टीवी सीरियल और फिल्मों का बजट अलग अलग होता है जिस तरह का फिल्म का बजट होता है उसी के अनुसार वह पैसे भी कमाती है । अब आगे दोस्तों हम यह भी जानेंगे कि किस तरह से फिल्में बजट के अनुसार कम या ज्यादा पैसे कमाती है । आगे हमने मराठी , हिंदी और अंग्रेजी फिल्मों का फर्क काफी विस्तार से देखा है और यह भी देखेंगे कि किस तरह से फिल्मों में छोटा बड़ा चेंज करके ज्यादा पैसे कमाए जा सकते हैं तो दोस्तों चले पहले देखते हैं मराठी और हिंदी फिल्मों का क्या फर्क होता है ।

2 ]  मराठी और हिंदी फिल्मों में अंतर

दोस्तों मराठी और हिंदी फिल्में ज्यादातर महाराष्ट्र में ही बनाई जाती है और बाकी के स्टेट में हम भोजपुरी , तमिल जैसी फिल्में बनते हुए भी अनुभवते हैं । इंडिया में कुल मिलाकर 29 राज्य है । जिसमें अलग-अलग भाषा द्वारा काफी फिल्में बनाई जाती है । उसमें से अगर महाराष्ट्र की बात करें तो आपको महाराष्ट्र में मराठी और हिंदी जैसे दो लैंग्वेज में फिल्में बनते हुए देखने को मिलता है । अब अगर मराठी भाषा द्वारा बनाई गई फिल्मों की बात करें तो मराठी फिल्मों का बजट भी काफी कम होता है । जिसमें 70 lakh से लेकर 1Cr तक बजट हो सकता है जैसे कि अगर कोई आर्टिस्टिक मूवी है तो उसका मूवी का बजट 25 से 70 लाख रुपए तक हो सकता है । कमर्शियल फिल्मों का बजट 50 लाख से एक करोड रुपए तक हो सकता है ।


अगर मराठी फिल्मों में सबसे ज्यादा लागत वाली फिल्म की बात करे तो लय भारी मराठी मूवी का बजट ₹ 8,00,00,000 था । तो दोस्तों यहां पर भी बात है कि जिस तरह का एक्टर फिल्म में ले लिया जाता है । उस हिसाब से उस मूवी का बजट बढ़ जाता है । क्योंकि बड़े-बड़े एक्टर को फिल्म में लेने से फिल्म पैसा कमाती है । लय भारी फिल्म में रितेश देशमुख के साथ साथ जेनेलिया और सलमान खान भी थे । छोटी मोटी एक्टिंग करने का भी पैसा एक्टर को देना पड़ता है । जिसमें मराठी फिल्म की बात करें तो 50 लाख से ₹1,00,00,000 सिर्फ एक्टर को ही देना पड़ता है और बाकी इंस्ट्रूमेंट और वेपन के लिए खर्च हो जाता है । एक्टर और एक्ट्रेस के लिए मराठी फिल्म इंडस्ट्री 50,000 से लेकर ₹1,00,000 तक का पैसा Marathi Acter को देना पड़ता है । अगर मराठी भाषा को डबिंग करके रिलीज किया जाए तो वह सिर्फ तमिल , हिंदी या मराठी लैंग्वेज में ही रिलीज की जाती है ।

अगर हिंदी फिल्मों की बात करें तो , हिंदी फिल्मों के एक्टर 30 करोड़ से ₹40,00,00,000 ( 40 से 50Cr ) तक एक फिल्म साइन करने के लिए ले लेते हैं और यह फिल्में मराठी फिल्मों से थोड़ी बढ़िया तरीके से डायरेक्ट की होती है और स्टोरी भी काफी एडवांस होती है । साथ में प्लेस यानी की जहां पर शूट किया जा रहा है वह ठिकान या फिल्म का सेट बनाने में बहुत खर्चा आ जाता है क्योंकि स्टोरी काफी एडवांस होने की वजह से सेट के प्लेस भी काफी अच्छे बनाए जाते हैं और ऐसे सेट बनाने के लिए खर्चा आता है वह एक्स्ट्रा खर्च होता है । अगर आप मराठी फिल्मों पर गौर करें तो मराठी फिल्में ज्यादातर एक गांव में या फिर खेत में सूट की जाती है और हिंदी फिल्में शूट करने की बात हो तो यह फिल्म में बड़ी बड़ी हवेली , लैब , कॉलेजेस या हॉस्पिटल जैसी बड़ी बड़ी जगह पर सूट की जाती है । अगर हिंदी फिल्मों की बात करें तो हिंदी फिल्मों का बजट 50 करोड़ से लेकर 500 करोड़ रुपए तक होता है । अगर कोई फिल्म किसी व्यक्ति के जीवन पर बनाई जा रही है तो वह फिल्म कम से कम 40 से ₹50,00,00,000 ( 50 Cr ) तक हो जाती है । या फिर कोई ड्रामा फिल्म हो तो ऐसी फिल्म में 50 से ₹60,00,00,000 तक हो जाती है । पर यही फिल्में अगर एक्शन स्टोरी में हो तो ऐसे फिल्मों का बजट 100 करोड रुपए तक चला जाता है । उनमें बेहतर डायरेक्शन और कई सारे एडवांस तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है । जिसमें 3D टेक्नोलॉजी आजकल काफी पसंद की जा रही है । अगर हिंदी भाषा कि बात करे तो यह हिंदी भाषा की फिल्में हिंदी भाषा सहित कई सारे अन्य भाषाओं में डब करके रिलीज़ की जाती है और उस वजह से या फिल्में मराठी फिल्मों से ज्यादा पैसे कमा पाती है ।

3 ] हिंदी और अंग्रेजी फिल्मों में अंतर

दोस्तों हिंदी फिल्में भले ही मराठी फिल्मों से काफी अच्छी और एडवांस तकनीक इस्तेमाल करके बनाई गई हो फिर भी वह हॉलीवुड फिल्में यानी अंग्रेजी फिल्म काफी पीछे होती है । क्योंकि भले ही हिंदी फिल्में टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल अपनी फिल्मों में करें फिर भी हॉलीवुड फिल्म जैसी टेक्नोलॉजी अभी तक हिंदी फिल्मों में नहीं आ चुकी है । ज्यादातर हिंदी फिल्मों हॉलीवुड से सिर्फ 3D टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया हुआ ही देखने को मिलता है । पर हॉलीवुड फिल्मों में जो कुछ एक्शन सीन होते हैं या फिर स्टोरी होती है वह अभी तक हिंदी में नहीं देखने को मिलती । हालांकि ऐसी स्टोरीज हर एक हिंदी स्टोरी राइटर के पास होती जरूर है पर ऐसी स्टोरी पर फिल्में बनाने के लिए काफी मात्रा में बजट लग सकता है और अभी तो हिंदी फिल्म इंडस्ट्रीज 500 करोड़ रुपए के बजट तक फिल्में बना चुकी है और आने वाले समय में यह आंकड़ा 1000 करोड रुपए तक भी पहुंच सकता है ।

अगर हिंदी फिल्मों की बजट की बात करें तो रोबोट 2.2 जैसी फिल्म 570 करोड रुपए के बजट में बनकर रिलीज हो चुकी थी । Ponniyin Selvan नाम की हिंदी फिल्म 500 करोड रुपए में बनाई जा रही है और यह फिल्म 2021 में बनकर रिलीज हो जाएगी । अगर इसके नीचे के बजट की बात करें तो RRR फिल्म 400 करोड रुपए के बजट से बनाई जा रही है और यह फिल्म भी 2021 में रिलीज होकर हम देख सकते हैं । दोस्तों प्रभास की SAAHO फिल्म भी काफी ज्यादा बजट वाली थी और यह फिल्म 350 करोड़ रुपए में बन चुकी थी और यह फिल्म 2019 में रिलीज हो चुकी थी । इसके नीचे के बजट की बात करें तो MAHAVEER KARNA फिल्म भी काफी बजट वाली फिल्म जोकि 300 करोड रुपए में बनकर तैयार हो रही है जो 2020 या 21 में रिलीज हो जाएगी । इसके आगे की फिल्म की बात करें तो Baahubali 2: The Conclusion फिल्म अभी काफी बड़ी बजट वाली फिल्म थी । जो लोगों को काफी पसंद भी आ गई थी और यह फिल्म 250 करोड़ रुपए में बनी थी । दोस्तों यहां पर मैंने जो फिल्म की लिस्ट बताई गई दी है वह विकिपीडिया के एक पेज द्वारा ले ली है अगर आप चाहो तो यहां से पूरी फिल्म की लिस्ट पढ़ सकते हो यहां पर मैंने विकिपीडिया द्वारा उस फिल्म के नाम और बजट का ही जिक्र किया है ।

तो दोस्तों अब आते हैं हॉलीवुड की यानी इंग्लिश फिल्म की ओर तो दोस्तों यहां पर बता दू कि हॉलीवुड की फिल्मों का बजट सबसे ज्यादा होता है । यहां तक कि चाइनीस फिल्मों से भी कई गुना ज्यादा हॉलीवुड फिल्मों का बजट होता है । क्योंकि हॉलीवुड फिल्मों में बहुत सारी टेक्नोलॉजी जो फ्यूचरिस्टिक है वह दिखाई जाती है । साथ में ऐसी हॉलीवुड फिल्मों में एक्शन भी भरपूर मात्रा में होता है जो कि हम सोच भी नहीं सकते कि ऐसा रियल लाइफ में हो सकता है । कुछ इस तरह का स्टोरी और एक्शन हॉलीवुड फिल्मों में दिखाया जाता है और ऐसी बहुत बड़ी एक्शन फिल्म को बनाने में बजट भी ज्यादा लगता है । साथ में एक बेहतर स्टोरी भी फिल्म के लिए जरूरी है । हमने एक आर्टिकल में देखा था कि Marvel की फिल्में किस तरह से बनाई जाती है और एक फिल्म के पीछे एक नई स्टोरी छोड़ देती है । तो यहां पर आपको ध्यान देने वाली बात यह है कि हॉलीवुड स्टोरी राइटर को पहली फिल्म बनाने से पहले ही नहीं स्टोरी तैयार रखना होता है । कि दूसरी फिल्म में क्या दिखाना जरूरी है और उसी हिसाब से वह स्टोरी लिखना शुरू करते हैं । आप किसी भी हॉलीवुड फिल्म का फर्स्ट या सेकंड पार्ट देख लोगे तो आपको पता चल जाएगा कि एक स्टोरी पर दूसरे फिल्म की स्टोरी पूरी तरह से जुड़ी हुई होती है । जिसमें फास्ट एंड फ्यूरियस सीरीज देखे या फिर जुमांजी जैसी सीरीज देख लो । आपको एक स्टोरी में सेकंड पार्ट की स्टोरी आधी अधूरी रखी हुई देखने को ही मिल जाती है । आजकल हिंदी फिल्मों में भी ऐसी हि स्टोरिया आधी छोड़ी जाती है । ताकि फिल्म का सेकंड पार्ट बनाया जाए । इसमें आपको यह डायलॉग तो पता ही होगा कि बाहुबली को "कटप्पा ने बाहुबली को क्यों मारा' तो यह सेकंड स्टोरी के लिए रखा गया एक बहुत ही बड़ा सवाल था । जिसकी वजह से प्रेक्षक भी सेकंड पार्ट में काफी प्रभावित हो सके । इससे एक तो फिल्म को स्टोरी पहले से मिल जाती है और उस फिल्म का सेकंड पार्ट भी बन जाता है । इसलिए ऐसे स्टोरी में कुछ राज रखना जरूरी है ताकि सेकंड पार्ट भी बन सके ।


4 ] फर्क के अनुसार फिल्में किस तरह से पैसा कमाती है ?

दोस्तों अगर फिल्मों को फर्क के अनुसार देखा जाए या फिर जिस बजट की फिल्म हो उस बजट के अनुसार ही पैसे कमाते हुए देखने को मिलती है हिंदी फिल्मों में एक क्लब होता है जिसे 100 करोड़ क्लब कहा जाता है और कोई भी हिंदी फिल्म 100 करोड़ के पार कमाई करती है तो उसे 100 करोड़ के क्लब में शामिल किया जाता है और हिट का दर्जा दिया जाता है । पर दोस्तों अगर उस फिल्म का बजट काफी ज्यादा हो तो यह नियम काफी अलग देखने को मिल सकता है पर कुछ सामाजिक या हिस्टोरिकल फिल्में होती है । जो कम बजट के साथ तैयार की जाती है और वह काफी अच्छा पैसा कमाती है ।

अगर देखा जाए तो फिल्मों के बजट अनुसार ही फिल्में पैसा कमाती हुई देखने को ज्यादा मिलता है क्योंकि ज्यादा खर्च किया हुआ फिल्म ही ज्यादा से ज्यादा पैसा कमाता है । हम हिंदी मराठी और अंग्रेजी फिल्मों के बजट के अनुसार देख सकते हैं कि अगर कोई भी फिल्म थियेटर में रिलीज होती है तो हॉलीवुड फिल्मों के लिए ज्यादा लोग इंटरेस्ट दिखाते हैं और हिंदी फिल्मों के लिए उससे कम ऑडिएंस देखने को मिलता है ।


दोस्तो इस पोस्ट में हमने जाना कि " फिल्मों में क्या फर्क होता है ? मराठी और हिंदी फिल्मों में | फर्क के अनुसार फिल्में किस तरह से पैसा कमाती है ? "

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