नमस्कार दोस्तों मेरा नाम है ओंकार और मेरे वेबसाइट OKTECHGALAXY.COM पर आपका स्वागत है ।। दोस्तों अगर आप एक मोबाइल यूजर हो और यह जानना चाहते हो कि आपका जो सिम होता है वह सिम क्या होता है और उस पर लिखे वह 19 आंकड़े क्या होते हैं अगर आपने अपने फोन के सिम पर गौर से देखा होगा तो आपको वहां पर कुछ 19 से लेकर 20 आंकड़े देखने को मिलते हैं और इन आंकड़ों का एक अलग अलग मतलब होता है । यह आपको जानना काफी मजेदार लगेगा और इससे आपकी इंफॉर्मेशन भी बढ़ेगी इसलिए यह पोस्ट मैंने आपके लिए तैयार किया है और लेकर आया हूं । आज तो आप हर रोज फोन का इस्तेमाल करते हो । मगर आपको फोन से ही रिलेटेड कुछ सवालों के जवाब पता नहीं होते और आपको यह भी जानना जरूरी है कि इसका मतलब क्या होता है और आखिरकार कंपनियां वह सीक्रेट क्यों नहीं आपको बताती । तो दोस्तों चलिए शुरू करते हैं आज का यह पोस्ट और आपको इस पोस्ट में जानने को मिलेगा की ।
◆ सिम कितने प्रकार की होती है
◆◆ सिम पर पिछे 19 आंकड़े क्यों दिए जाते हैं ?
◆◆◆ सिम के पीछे का 19 आंकड़ों का राज
◆◆◆◆ सिम कार्ड के उन आंकड़ों का राज कंपनी क्यों नहीं बताती ?
1 ] सिम कितने प्रकार की होती है ?
दोस्तों सिम का फुल फॉर्म Subscriber Identity Module होता है । और सिम तीन प्रकार की होती थी । हालांकि आज भी हम वह पुराने बड़े वाले से सिम इस्तेमाल करते हैं । कुछ फोन के लिए पर वैसे सिम इस्तेमाल करने का आंकड़ा कम होता हुआ देखने को मिलता है और आजकल Nano Sim और Micro Sim जैसे सिम का ही इस्तेमाल ज्यादा होता है और यही तीन प्रकार है सिम कार्ड के ।
2 ] सिम पर पिछे 19 आंकड़े क्यों दिए जाते हैं ?
दोस्तों सिम पर जो 19 आंकड़े दिए जाते हैं वह आंकड़े का अलग ही कोड होता है और उन आंकड़ों से ही आपकी पूरी डिटेल स्टोर रखी जाती है । उस सिम के आंकड़ों के द्वारा यानी कि उन्नीस आंकड़ों से सिम कंपनी है पता कर सकती है कि सिम इस्तेमाल करने वाला व्यक्ति कौन है और कहां का रहने वाला है और यही उन आंकड़े देने का मुख्य कारण होता है ।
3 ] सिम के पीछे का 19 आंकड़ों का राज
तो सिम के पीछे के 19 आंकड़ों का एक अलग ही राज छुपा रहता है । जो कि हम सिम तो इस्तेमाल करते हैं पर कभी वो जाने की कोशिश नहीं करते कि उन 19 आंकड़ों में क्या कुछ छुपा हुआ होता है । तो चलिए 19 आंकड़ों का पता हम आज के इस पोस्ट में लगाएंगे ।
दोस्तो सबसे पहले मैं बता दूं कि सिम में टोटल 19 आंकड़े होते हैं और सबसे पहले के 2 आंकड़े होते हैं उन्हें इंडस्ट्री कोड कहा जाता है और यह कोड ITU यानी इंडस्ट्रियल टेलीकॉम यूनियन यह कोड डिसाइड करती है कि कौन सी इंडस्ट्री को कौन सा कोड देना है । टेलीकॉम कंपनी का कोड 89 है इसलिए सिम कार्ड कंपनियों को यह कोड मिलता है ।
उसके बाद अगले 2 सिम कार्ड के नंबर जो होते हैं वह होते हैं कंट्री कोड और इस कोड को MCC यानी मोबाइल कंट्री कोड कहते हैं । यानी आप किसी भी देश में हो तो वहां पर उस सिम का अलग ही कंट्री कोड होगा । जैसे कि भारत का कंट्री कोड 91 है तो भारत में जो आपको सिम मिलेंगे । उन पर तीन और चार नंबर का आंकड़ा 91 होगा और हर एक कंट्री के हिसाब से यह कोड बदलता रहता है ।
और उसके बाद के नंबर जो कि 5 और 6 नंबर के जगह पर आते हैं उन्हें Issuer number कहा जाता है और यह नंबर हर स्टेट के लिए अलग-अलग होता । जैसे-जैसे स्टेट बदलते जाते हैं और आप अलग स्टेट से सिम लेते हो तो वहां का Issuer number कोड अलग रहता है और यह इस Issuer number भी ITU ही डिसाइड करती है कि कौन से स्टेट के लिए कौन सा कोड दिया जाए ।
उसके बाद के जो बारा नंबर होते हैं वह होते हैं आपका सिम कार्ड नंबर और इस सिम कार्ड नंबर में आपको अगर ऐसा लगता है कि 12 आंकड़े क्यों होते हैं । तो दोस्तों जो बड़ी संख्या से शुरू होता है वहां से आपका सिम नंबर शुरू होता है और जो आंकड़े रह जाते हैं उनसे और उन पूरे बार आंकड़ों से आपका पूरा रिकॉर्ड सिम कंपनी के पास रहता है । और इसी रिकॉर्ड से ही आपको कंपनी पहचान सकती है और आपका पूरा रिकॉर्ड इन 12 आंकड़ों में रख सकती है ।
इन 12 आंकड़ों के बाद जो भी आंकड़ा रह जाता है । वो एक या दो होता है । चेक सम नंबर और यह निकलता है । बाकी के 18 नंबरों को एक साथ मिलाकर और इसे चेक्सम नंबर भी कहा जाता है । यह एक ऐसा नंबर होता है जो कि एक फार्मूला द्वारा निकाला जाता है जिसे Luhan Algorithm फार्मूला भी कहते हैं और इस फार्मूले से उन 18 आंकड़ों में से एक आंकड़ा निकाला जाता है ।
उसके बाद आपको अपने सिम में U या फिर H लिखा हुआ देखने को मिलता है और यह आंकड़ा भी आपके सिम का ही एक हिस्सा होता है । जैसे कि अगर आपके सिम में लास्ट में U लिखा होगा तो उसका मतलब है यूनिवर्स । यानी कि वह सिम 2G , 3G या 4G नेटवर्क पर चलेगी और 3G या 4G फोन को सपोर्ट करेगी और अगर आपके सिम की लास्ट में H लिखा हो तो वह सिम कार्ड 4जी 3जी नेटवर्क पर काम नहीं करेगा ।
4 ] सिम कार्ड के उन आंकड़ों का राज कंपनी क्यों नहीं बताती ?
तो दोस्तों अभी हमने देखा कि किस तरह से एक सिम कार्ड के ऊपर का कोड या फिर आंकड़े हमें सीक्रेट डिटेल बताते हैं । तो यह डिटेल कंपनी वाले हमें कभी नहीं बताते क्योंकि उन्हें लगता है कि यह इंफॉर्मेशन यूजर के लिए वैसे तो कोई फायदे की नहीं है । या फिर यूजर इस इंफॉर्मेशन को जानकर भी क्या करेगा । ऐसा कंपनी वालों को लगता है । इसलिए वह ऐसी इंफॉर्मेशन नहीं बताते । वैसे बताने से और ना बताने से भी क्या फायदा है । वैसे भी तो कोई यह जानना भी नहीं चाहता कि उस सिम पर आंकड़ों में क्या लिखा होता है । नहीं तो ऐसे पूछताछ वाले कॉल या फिर मामले हमें कहीं ना कहीं तो देखने को जरूर मिलते , जो कि द्वारा कंपनी को फोन लगाकर पूछे गए हो । ऐसा अभी तक तो हमें कभी सुनने भी नहीं आया क्योंकि ऐसे इंफॉर्मेशन जानने की कोशिश भी कोई नहीं करता है ।
ज्यादातर लोग उतने ही खुश रहते हैं, जितना वो अपने दिमाग में तय कर लेते हैं । OKTECHGALAXY.COM / Motivation
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