नमस्कार दोस्तों मेरा नाम है ओंकार । मेरी वेबसाइट OKTECHGALAXY.COM पर फिर से एक बार आपका स्वागत है । दोस्तों इस आर्टिकल मैं हम एक गंभीर विषय पर चर्चा करेंगे और जानने की कोशिश करेंगे कि क्या सच में इतने सारे अंतरिक्ष मिशन करना सही है या फिर इतने सारे सैटेलाइट को हमारे पृथ्वी के बाहर प्रक्षेपित करना भी सही है या नहीं । दोस्तों आज का विषय आपको टाइटल देख कर पता चल ही गया होगा । तो दोस्तों आप तो जानते ही हो कि आए दिन कितने सारे देश अपने देश के और दूसरे देश के अंतरिक्ष या उपग्रह अंतरिक्ष में भेजते हैं |
कुछ महीनों पहले भारत ने भी भारत के और कई अन्य देशों को उपग्रह अंतरिक्ष में भेजे थे । हम तो इसे ऐसे समझते हैं कि भारत सारे रिकॉर्ड तोड़े या फिर कई सारे उपग्रह अंतरिक्ष में भेजे । पर दोस्तों क्या यह सही है क्या इससे सच में हमारे लिए फायदे साबित होंगे या नहीं यही आज हम इस आर्टिकल से जानेंगे | पिछले आर्टिकल में हमने अंतरिक्ष में किस तरह से सेटेलाइट को प्रक्षेपित किया जाता है उसके बारे में बात की थी और जान लिया था कि यह काम किस तरह से होता है । तो दोस्तों आज का आर्टिकल अंतरिक्ष में होने वाले कचरे से रिलेटेड है ।
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Antariksha ka kachra |
◆ Space Trash क्या होता है ?
◆◆ Space Trash से होने वाले नुकसान
◆◆◆ Space Trash साफ किया जा सकता है या नहीं ?
◆◆◆◆ अंतरिक्ष में सैटेलाइट का मलबा ना हो इसके लिए क्या करना जरूरी होगा ?
1 ] Space Trash क्या होता है?
तो दोस्तों आज तक कई सारे उपग्रह अंतरिक्ष में भेजे गए हैं और आने वाले समय में भी कई सारे देश अंतरिक्ष में सैटेलाइट को भेजते रहेंगे और ऐसे में अंतरिक्ष में कितने सारे सैटेलाइट होंगे इसका कुछ अनुमान नहीं लगाया जा सकता । हालांकि हर एक सेटेलाइट पर उस देश की बारीकी से नजर होती है मगर जिस तरह हमारे पृथ्वी पर चीजें टकराती है उसी तरह से अंतरिक्ष में भी सेम चीज होंगी । तो ऐसे में उन सेटेलाइट का मलबा तो पृथ्वी पर गिर जाएगा या फिर वह अंतरिक्ष तक उड़ता ही जाएगा और अंतरिक्ष का तो एक नियम आपको पता ही होगा कि वहां पर किसी चीज का वजन नहीं होता है । तो वह टूटा हुआ मलबा अंतरिक्ष तक दूर-दूर तक फेलने की संभावना पूरी तरह से रहती है ।
किसी अंतरिक्ष या उपग्रह का टूटा हुआ मलबा अगर अंतरिक्ष में दूर-दूर तक फैलता गया या फिर कहीं पर रुक गया और बाद में किसी सेटेलाइट से टकरा गया तो वह सेटेलाइट भी दुर्घटनाग्रस्त हो सकता है और यह सिलसिला चलता ही रहेगा । अगर हमारे आने वाले मिशन के लिए एक छोटा सा टुकड़ा बाधा बन गया तो वह मिशन भी फेल हो सकता है । अपने कल्पना चावला के वापसी का एक वीडियो देखा होगा तो आपको पता चल जाएगा कि एक छोटी सी गलती की वजह से किस तरह से पूरा स्पेस शटल टूट कर बिखर गया था और सारे एस्ट्रोनॉट की मौत हो गई थी ।
दोस्तों जब भी कोई रॉकेट स्पेस शटल के साथ किसी मिशन के लिए छोड़ा जाता है तो वहां पर बहुत ही बारीकिया जांची जाती है और बाद में ही उसे लांच किया जाता है और ऐसे में अगर वह रॉकेट किसी मिशन के लिए जा रहा होगा और वह टूटे हुए सेटेलाइट के टुकड़े उसे रॉकेट को लग जाएंगे तो वह रॉकेट भी दुर्घटनाग्रस्त हो सकता है । तो इससे इतना बड़ा मिशन फेल होना तो संभव है ।
2 ] Space trash से होने वाले नुकसान
दोस्तों पृथ्वी के तीन ऑर्बिट माने जाते हैं जिसमें लो अर्थ ऑर्बिट , मीडियम अर्थ ऑर्बिट और हाय अर्थ ऑर्बिट होते हैं । यह ऑर्बिट पृथ्वी से दूर दूर जाने से आते हैं । जैसे कि लो ऑर्बिट 160 से 2000 किलोमीटर के बीच में है । मीडियम अर्थ ऑर्बिट 2000 किलोमीटर से 35786 किलोमीटर के बीच होता है ।और हाय ऑर्बिट 35786 किलोमीटर से लेकर लुनार ऑर्बिट तक होता है । इसमें चीजें एक ही जगह पर रुकी रहती है । या फिर अगर उसे कोई स्पीड मिल गया तो वह उसी स्पीड से चली जाती है और इसमें अगर किसी सैटेलाइट का मलबा रह जाए तो फिर वह मलबा ढूंढना काफी मुश्किल होता है और ढूंढ कर उन्हें इकट्ठा भी नहीं किया जा सकता क्योंकि वहां पर सरवाइव करना ही काफी मुश्किल होता है ।
पृथ्वी से जब भी कोई मिशन या फिर रॉकेट लॉन्च किया जाता है तो वह करोड़ों की लागत से बना हुआ होता है । और ऐसे में अगर वह टूटा हुआ मलबा किसी स्पेस शटल से आकर टकरा जाए या हिट करें तो वह करोड़ों की लागत का मिशन फेल हो सकता है । अगर कोई ऐसा भी मिशन आया तो वो टूटा हुआ मलबा इकट्ठा कर सके तो वह भी करोड़ों की लागत से बनेगा । इससे अच्छा है कि जो भविष्य में टेक्नोलॉजी यूज़ होगी वह आज के रॉकेट सेटेलाइट में होनी जरूरी है तभी ऐसे मिशन फेल नहीं हो पाएंगे ।
3 ] अंतरिक्ष में होने वाला कचरा साफ किया जा सकता है या नहीं
दोस्तों अंतरिक्ष की दुनिया फिर हमारी गैलेक्सी बहुत ही बड़ी है । बहुत ही बड़ी का मतलब यह हुआ कि अब तक की अध्ययन से हम अपनी गैलेक्सी का आधा भी नॉलेज नहीं ले सके और हमारी अध्ययन क्षमता भी अभी गैलेक्सी के सामने कम पड़ रही है । ऐसे में वह अंतरिक्ष में गया हुआ कचरा साफ कर पाना भी काफी मुश्किल है क्योंकि वह कचरा एक तो दिखाई नहीं देता और दिखाई देने के बाद भी उसे इकट्ठा नहीं किया जा सकता ।
क्योंकि वह सेटेलाइट के टूटे हुए मलबे बहुत ही छोटे होते हैं यानी 1 सेंटीमीटर से भी छोटे और वही टुकड़े हमारे आज का मिशन या आने वाले मिशन को फैल कर सकते हैं । उसे ढूंढ पाना तो मुश्किल ही है पर डिटेक्ट करके पहचानना भी मुश्किल है । इसलिए सैटेलाइट को पृथ्वी पर गिराना या उसका काम होने के बाद अंतरिक्ष में ही डिसएबल करना काफी प्रॉब्लम का हो सकता है । भारत ने किया हुआ मिशन शक्ति तो आपको पता ही होगा । किस तरह भारत ने अंतरिक्ष में से एक SATTELITE गिराया था । पर भविष्य में अगर स्पेस war शुरू हुई तो कोई भी अन्य देश दूसरे देशों के उपग्रह को टारगेट करेंगे । और वह मलबे डायरेक्टली अंतरिक्ष में ही जाएंगे । इस लिए यह एक गंभीर मामला मानना जरूरी है ।
4 ] अंतरिक्ष में सैटेलाइट का मलबा ना हो इसके लिए क्या करना जरूरी होगा
दोस्तों आज की जो टेक्नोलॉजी है और आने वाली जो टेक्नोलॉजी होगी वह काफी अलग होगी । मगर आज की टेक्नोलॉजी में जो सेटेलाइट प्रक्षेपित होते हैं उन्हें कुछ एडवांस सेंसर के साथ प्रक्षेपित किया जाए तो ऐसा मलबा ट्रैक करना या पहचानना आसान हो सकता है ।
अगर कुछ एडवांस टेक्नोलॉजी पर कोई कंपनी काम कर रही हो तो वह टेक्नोलॉजी को जब तक सेटेलाइट में या रॉकेट में नहीं लगा देते तब तक स्पेस मिशन को लॉन्च नहीं करना चाहिए । जब वह टेक्नोलॉजी इस स्पेस रिसर्च कंपनी के पास आ जाए तब उस टेक्नोलॉजी को स्पेस शटल में लगाकर ही वह मिशन लॉन्च करना जरूरी होगा । तभी ऐसे हादसे और ऐसी मुश्किलों हल की जा सकती है ।
इंतेज़ार करने वालो को सिर्फ उतना मिलता है , जितना कोशिश करने वाले छोड़ देते है ।OKTECHGALAXY.COM / Motivation
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