नमस्कार दोस्तों , मेरा नाम है ओंकार । मेरी वेबसाइट OKTECHGALAXY.COM पर आपका फिर से एक बार स्वागत है । दोस्तों आज हम Isro का मिशन चंद्रयान 2 की बात करेंगे | कुछ ही दिन पहले यानी 22 july को इसरो ने अपना चंद्रयान 2 मिशन सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया | अब यह अपनी अंतिम स्थिति में पहुंच गया है | यानी अब Chandrayaan चांद के नजदीक पहुंच गया है | Chandrayaan-2 सिर्फ 1 दिन में चांद पर लॅन्डींग करेगा | ऐसे में कोई भी गलती बहुत महंगी पड़ती है | इस समय इसरो के वैज्ञानिक चिंता में है | तो दोस्तों हम आज इस पोस्ट में क्या-क्या जानेंगे यह मैं आपको बता देता हूं।
◆ Chandrayaan-2 क्या Mission है ?
◆◆ Chandrayaan-2 मैं क्या-क्या सेंसर है ?
◆◆◆ Chandrayaan-2 कैसे काम करता है ?
◆◆◆◆ Chandrayaan-2 के भारत को फायदे
# 1 ] CHANDRAYAAN -2 क्या है ?
दोस्तो चंद्रयान मिशन चांद का अध्ययन करने के लिए भेजा गया एक मिशन है | इसमें एक Orbiter, एक Lander और एक रोवर शामिल है | Orbiter का नाम GSLV मार्क 3 है | इसका वजन 3500 किलोग्राम है और लंबाई 2.5 मीटर है | लैंडर को विक्रम नाम दिया गया है | यह नाम विक्रम साराभाई जी के नाम से दिया गया है | इसमें एक रोवर भी है इसका नाम प्रज्ञान रखा गया है और यह 27 किलोग्राम का है | रोवर वही है जो चांद का अध्ययन करके उसे प्रुथ्वी तक भेजेगा | यह रोवर 6 पहिया वाला है जोकि चांद की सतह पर चलकर वहा का अध्ययन करने वाला है |
Chandrayaan-2 को पूरी तरह बनाने के लिए 978 करोड रुपए का खर्च आया है और सब हिस्सों का मिलकर इसका वजन 1350 किलोग्राम हुआ है इतना सारा वजन ऊपर उठाने के लिए इसमें नई तकनीक वाले बूस्टर लगाए हैं। इसमें Main Engine के साथ दो बूस्टर लगाए है। Chandrayaan-2 में जो रोवर है उसमें जो व्हील्स है , वह नई तकनीक के साथ है | यानी इस पर एक स्पेशल ग्रीप है | जो चढ़ाई में बहुत काम आने वाली है।
# 2 ] CHANDRAYAAN-2 मैं क्या-क्या सेंसर है ?
Chandrayaan-2 में High Frequency के कॅमेरा लगाए है, जो बहुत सारे फोटो खींचकर यह तय करता है कि उतरना कहा है | इसमे पानी खोजने वाले सेंसर लगाए गए हैं और साथ ही खनिज खोजने का काम भी यह रोवर करेगा । इसके लिए भी इसमें सेंसर लगाए गए हैं | चांद की दूरी और पृथ्वी की दूरी में कितना अंतर है यह जाने के लिए भी रोवर में सेंसर लगाए हैं | इससे चांद और पृथ्वी की दूरी नापने में मदद मिलेगी | यह रोवर चांद के साउथ पोल में उतरने वाला है इसके लिए वहां से जितनी हो सके उतनी इंफॉर्मेशन लेने कि इसरो सोच रहा है | इसलिए इसमें सेंसर लगाते वक्त बहुत ही सावधानियां बरती गई है | चांद के साउथ पोल में हिलियम 3 धातु होने की संभावना पहले से ही जताई जा रही थी | इसलिए अगर वहां पर हिलियम-3 मिल जाता है तो उसका भी पता है रोवर लगा लेगा ।
# 3 ] CHANDRAYAAN -2 कैसे काम करता है ?
Chandrayaan-2 लाउंच होनो को शुरुआती दिनों में पृथ्वी के चक्कर काट रहा था | ऐसे चक्कर काटते काटते वह पृथ्वी से दूरी बनाए हुए जा रहा था | ऐसा इसरो इसलिए करता है क्योंकि जब तक चांद और शुरू पृथ्वी नजदीक नहीं आ जाते तब तक ऐसा ही करता रहता है | पृथ्वी और चांद की दूरी नजदीक आने के बाद यह यान अपने कक्षा छोड़कर चांद की कक्षा तक जाने लगता है | फिर वह चांद के कक्षा तक पहुंचने के बाद फिर वैसे ही करता है जैसे पृथ्वी के कक्षा में करता है | यानी वह चांद की कक्षा में भी घूमता रहता है और चांद के नजदीक जाता रहता है | फिर Orbiter से लेंडर अलग होता है और चांद की ओर जाने लगता है |
चांद के नजदीक जाते वक्त इसकी स्पीड बहुत कम करनी पड़ती है नहीं तो वह क्रॅाश कर जाता है | इसलिए वह समय वैज्ञानिकों के लिए बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है | एक सफल लैंडिंग के बाद इसमें से एक रोवर बाहर आ जाता है और वह चांद की सतह पर चलने लगेगा और फिर इसके सेंसर वहा की मिट्टी और पत्थर की जांच करेगा | चांद की धातु और पानी के सबूत इकट्ठा करेगा और वह अपने पृथ्वी तक उसकी इंफॉर्मेशन भेजता रहेगा | इसका काम कुल 14 दिनों तक चलेगा इसमें लगाए गए सौर पैनल अपने सूरज से बिजली पैदा करेंगे | इसकी वजह से यह 14 दिनों तक काम करता रहेगा | यह 14 दिन पृथ्वी में और सूरज पर अलग-अलग होते हैं ।
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# 4 ] CHANDRAYAAN -2 के भारत को फायदे
दोस्तों पिछले एक मिशन में यानी Chandrayaan-1 में भारत ने चांद पर पानी की खोज की थी | इसके इससे नासा भी अचंभित हो गई थी | Chandrayaan-2 चांद के साउथ पोल में उतरने वाला है | अगर यह लैंडिंग सफल हो जाती है तो ऐसा करने वाला भारत पहला देश बन जाएगा । Chandrayaan-2 का काम यह है की साउथ पोल मैं पानी के अस्तित्व का खोजना वाह के खनिज को खोजना और वहां पर हीलियम 3 की खोज करना| हिलियम एक महंगा धातु है | इस धातु की कीमत एक 1 टन के लिए पांच अरब डॉलर हो सकती है | इस धातु में सूरज में से निकलने वाले उर्जा जैसी उर्जा होती है | इससे पृथ्वी के ऊर्जा की हर जरूरत पूरी की जा सकती है |
उस व्यक्ति ने अमरत्त्व प्राप्त कर लिया है, जो किसी सांसारिक वस्तु से व्याकुल नहीं होता । OKTECHGALAXY.COM / Motivation
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