नमस्कार दोस्तों , मेरा नाम है ओंकार । मेरी वेबसाइट OKTECHGALAXY.COM पर आपका फिर से एक बार स्वागत है । तो आज हम एक महत्वपूर्ण विषय पर इंफॉर्मेशन लेंगे । दोस्तों कुछ दिन पहले यानी 7 सप्टेंबर 2019 की रात 1:55 को chandrayaan-2 को चांद पर उतरना था । ये तो आपको पता ही होगा । पर आपको यह भी पता होगा कि यह मिशन कुछ तकनीकी कारणों से फेल हो गया । पर इसे फेल नहीं कह सकते क्युकी इसरो का यह कहना है कि या मिशन सिर्फ 5% ही फैल रहा और 95% सफल रहा । अब आप सोच रहे होंगे उस 5 परसेंट में और 95% में क्या अंतर था । तो दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम इसके बारे में जाने वाले हैं । तो चले मैं नीचे आपको बता देता हूं कि इस आर्टिकल में आपको क्या क्या इसके बारे में जानने वाले है ।
◆ क्या हो गयी Chandrayan–2 मे गडबड
◆◆ क्यू रहा ये मिशन 95% सफल
◆◆◆ 5% असफल मिशन मे क्या करना था ?
◆◆◆◆ क्यू है मिशन Chandrayan–2 सफल ?
◆◆◆◆◆ खोया हुआ Lander मिल जाता है तो
#1 ] क्यू हो गयी Chandrayan–2 मे गडबड ?
दोस्तों Isro यह कहना है कि लेंडर ऑर्बिटर को उसके सिग्नल नहीं भेज रहा था । यह तब हुआ जब लेंडर चांद की सतह से 2.1 किलोमीटर ऊपर था और उसने अचानक सिग्नल भेजना बंद कर दिया । अब यह होना तो नहीं चाहिए था पर कैसे हो गया इसका पता अभी तक तो नहीं चला । मुझे तो ऐसा लगता है जैसे कि पृथ्वी पर आज तक बरमूडा ट्रायंगल का राज पता नहीं चला कुछ वैसा ही राज चांद के साउथ पोल में मौजूद हो सकता है । अगर हम बात करें कुछ तकनीकी खराबी की तो इसरो और नासा का यही कहना है कि चांद की सतह पर उतरना मुश्किल है । पहले तो मुझे लगता है कि इतने दूर से सिग्नल आने की देरी के वजह से ऐसा होता है
तो इसमें मेरा ऐसा कहना है कि ऐसे lander को पहले earth की कक्षा में पहले एअर्थ पे 2 से 4 किलीमीटर तक चाँद की तरह ग्रेविटी स्पेस बनाये और फिर उतारने की प्रैक्टिस करनी चाहिए । और वहा कि ग्रैविटी और चांद की ग्रैविटी की तुलना कर के इसकी स्पीड चांद पर Lander उतारते वक़्त तय करनी चाहिए । आपकी राय नीचे कॉमेंट में जरूर बताएं ।
# 2 ] क्यू रहा ये मिशन 95% सफल ?
दोस्तों इसरो इस मिशन को 95% सफल इसलिए मानती है क्योंकि हमें नई तकनीक इसमें कैसे इस्तेमाल की जा सकती है और इस्तेमाल करते वक्त क्या क्या चीजों का ध्यान रखना पड़ सकता है इसके बारे में पता चला है । वहां पर उतरने के लिए किन-किन बातों का ध्यान देना पड़ सकता है और नीचे उतरते वक्त क्या प्रॉब्लम आती है इसका भी पता चल चुका है । इस बार इसरो ने नीचे उतरने के लिए जो स्पीड लैंडर को दी थी वह अगले मिशन में नहीं देंगे उससे कम या ज्यादा कर सकते हैं । तो यह स्पीड का मामला भी इसरो को समझ में आ गया होगा। इसलिए भी इसे एक सफल मिशन में माना जाता है ।
# 3 ] 5% असफल मिशन मे क्या करना था ?
दोस्तों chandrayaan-2 मिशन का जो बचा हुआ 5 % मिशन था उसमें इसरो को चांद पर उतरकर वहा की मिट्टी, खनिज की जांच करनी थी । साथ में पानी की भी जांच करनी थी । यानी इसका उतरना और वहा की जांच शुरू करना यही वह 5% काम बच गया था | जो कि पूरा नहीं हो सका | पर अब इसरो की ओर से एक खुश खबर आ रही है कि और ऑर्बिटर ने चांद पर उतारे लैंडर का पता लगा लिया है | अगर यह लैंडर सिग्नल भेजता है या काम करने की स्तिथि में होगा तो यह 5% असफल मिशन भी सफल मिशन में तब्दील हो जाएगा | तो हमें यही प्रार्थना करनी चाहिए कि लैंडर काम करने की स्थिति में मौजूद है ।
# 4 ] क्यू है ये मिशन Chandrayan–2 सफल ?
दोस्तों दुनिया के अन्य देशों ने कई बार ऐसे मिशन चांद पर भेजें पर उन्हें कभी भी पहले या दूसरे मौके में सफलता हासिल नहीं हुई । हमारे इसरो ने ऐसा सिर्फ दूसरे प्रयास में कर दिखाया । हालांकि कुछ तकनीकी खराबीया इसमें आइ मगर इसे हम पूरी तरह असफल मिशन नहीं कर सकते | क्योंकि चांद पर उतरने के लिए बहुत सारे परिश्रम और तकनीक की जरूरत होती है । वहां पर कोई भी सपाट जमीन नहीं है इसलिए वह उतरना बहुत ही मुश्किल हो जाता है । और हमारा इसरो कम से कम वहां तक अपना लैंडर दूसरे प्रयास में ले ग । इसलिए यह मिशन सफल मिशन है ऐसा ही कहना चाहिए ।
# 5 ] खोया हुआ Lander मिल जाता है तो ?
दोस्तों हमारा ऑर्बिटर अभी भी, चांद की कक्षा की परिक्रमा कर रहा है और यह जल्द से जल्द लैंडर का पता भी लगा लेगा । यह पता लगाने के लिए लैंडर चांद की हर एक हिस्से के अलग-अलग फोटो लेकर जोड़ देता है और तब हम देख सकते हैं कि लेंडर कहां पर उतरा है । मैंने ऊपर बताया था कि हमारे लिए एक खुशखबरी भी है कि इसरो की ओर से की लैंडर का पता चल गया है । वह काम करने की स्थिति में मौजूद होगा और सिग्नल भेजने के लिए तैयार होगा तो यह मिशन सफल ही है समझो ।
अधिकतर महान लोगो ने अपनी सबसे बड़ी सफलता अपने सबसे बड़ी विफलता के बाद हासिल की है । OKTECHGALAXY.COM / Motivation
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